गुरुवार, 22 जुलाई 2021

अन्याय की विजय और न्याय की पराजय

 अन्याय प्रबल ,न्याय दुर्बल क्यों ?

आज कलयुग का जमाना है जहां न्याय नहीं अन्याय की विजय होती है, जब कलयुग का जन्म हुआ था तभी ऋषि मुनियों ने यह भविष्यवाणी कर दी थी कि कलयुग एक ऐसा युग होगा जहां न्याय अकेला और दुर्बल होगा ।

ऐसा क्यों ?
जब उनके शिष्यों ने पूछा कि आखिर ऐसा क्यों होगा कि न्याय की पराजय होगी, तब उन्होंने कहा था कि मानव को न्यायवोर धर्म पर विश्वास नहीं होगा इसलिए भगवान भी न्याय करने नही आयेंगे।
परंतु राजा तो है ?
ये बात सुनकर ऋषि मुनियों के चेहरे पर हंसी आ गई उन्होंने बोला ही वत्स जब अभी भी राजा न्याय नहीं करता तो कलयुग में कौन न्याय करेगा क्योंकि,

क्योंकि क्या गुरुवर?
हे मानव तू इस कलयुग के मायाजाल को अभी नहीं जानता क्योंकि यहां धर्म की नही , यहां तो सिर्फ और सिर्फ चंद रुपयों के लिए राजा भी बिक जायेगा ।

तो कलयुग का अंत कब होगा ?
ये बात हर कोई जानना चाहता होगा कि क्या आखिर कलयुग का अंत नही होगा तो इस बात की पुष्टि स्वयं भगवान श्री कृष्ण जी ने कहा है कि जब न्याय पूरी तरह से इस धरा से नष्ट हो जायेगा और कोई भी मानव न्याय के पथ पर नही होगा तब ,

तब क्या ?
तब भगवान श्री कृष्ण जी प्रकट होकर इस कलयुग का अंत करेंगे।
मतलब अन्याय का अंत नही होगा?
ये बात तो हर कोई जानता है कि न्याय का अंत एक दिन अवश्य होगा ,किंतु बता दे की न्याय का अंत निश्चित है परंतु अन्याय का अंत कभी नहीं होगा ।

अन्याय पहले भी था, आज भी है ,और कल भी रहेगा

हा सिर्फ चेहरे ही बदलते रहेंगे परन्त अन्याय वही था ,है ,और रहेगा

आप सोच रहे होंगे कि भला मैं ऐसा क्यों बोल रहा हूं कि न्याय का अंत निश्चित है।

ये बात मैं नहीं आज की न्याय व्यवस्था बता रही है कि यहां अगर तुम्हारे पास माल (रुपया/पैसा) नही है तो न्यायालय भी तुम्हारा न्याय नहीं करेगा और अन्याय को विजय दिलाएगा रुपया लेकर ।
आज कि न्याय व्यवस्था को ऐसे कैसे कह सकते है?
ये बात मैं नहीं ये बात न्यायालय के बाहर खड़े लाचार,गरीब,बेचारे भूखे प्यासे वो लोग कह रहे हैं जो न्याय की आश में पूरा दिन गुजार देते हैं

उनसे पूछो कि उनसे खाता क्या हुई क्यों न्याय नहीं मिला उनको साथियों ,
क्योंकि गरीबी ने उनको लाचार कर दिया घूंश कैसे खिलाए जरा साथियों।
उनसे पूछो कि उनसे भूल क्या हुई क्यों उनको ही मारा जरा साथियों,
क्योंकि न्याय की आश लगाए हुए अन्याय से भिड़ गए हैं साथियों ।
जब भी पूछो तुम उनसे ख्याल साथियों बोलते हैं बस अपना गुजर साथियों,
न लोभ है उनको जरा साथियों फिर भी न्याय नहीं मिला उनको साथियों।।।

#श्री_कृष्ण_गोविंद_हरे_मुरारी_हे_नाथ_नारायण_वासुदेवा
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।

जय श्री कृष्ण
#श्री_कृष्णा
#आजपुरातन
#वीरेंद्र_द्विवेदी

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