अन्याय और न्याय क्या है ?
ये बात तो हर कोई जानता है कि न्याय क्या है और अन्याय
जब न्याय की बात आती है तो लोग पीछे कदम हटा लेते है
और अन्याय ,अधर्म,झूठ,और पाप का साथ देने लगते हैं परंतु
भागवत गीता में श्री कृष्णा ने कहा है कि जब जब पाप अधर्म
होगा तब तब मैं आऊँगा और पाप का अंत करूँगा !
आखिर अन्याय कब तक होगा?
श्री कृष्णा ने कहा है कि अन्याय बहुत शोर के साथ होता है
और न्याय चुप चाप होता है किंतु एक दिन न्याय जरूर होता है!
आज कलयुग में न्याय तो होता ही नहीं?
आज कलयुग में न्याय तो होता है नहीं ये बात आप हर सज्जन के मुखारबिंदु से सुनोगे !
परंतु श्री कृष्णा ने भागवत गीता में यह स्पष्ट शब्दों में कहा है
कि हे मानव तू न्याय के पथ पर चल एक दिन जरूर तुझे न्याय मिलेगा क्योंकि अन्याय कितना भी प्रयत्न कर ले अंत में उसकी पराजय निश्चित है ।
पर कब मिलेगा न्याय?
ये बात हर कोई जानता है कि एक दिन न्याय की विजय सुनिश्चित है फिर भी वो पैसों के बल पर हर किसी पर अन्याय करता है और बड़े ही सुख के साथ जीवन जीता है परंतु इस
कलयुग में न्याय के मार्ग पर चलने वाला हमेशा दुःख ,पीड़ा भोगता है और अंत में इस संसार से बिना न्याय पाये ही वह चला जाता है
तो न्याय किसको मिला?
ये बात हर कोई पुन्छता है कि जब उस इंसान को न्याय नहीं मिला तो फिर किसे इस कलयुग में न्याय मिलेगा जब वो जीवित था तब उसको न्याय नहीं मिला तो आखिर हम क्यूँ न्याय के पथ पर चलें क्या यही है न्याय के पथ पर चलने की सजा दुःख ,पीड़ा ,गरीबी , लचारी
आखिर क्यों नहीं जन्म लेते हो प्रभु ?
अब तो हर न्याय के पथ पर चलने वाला मानव भागवन से एक ही बात पुन्छता है कि अब और कितना दुःख,पीड़ा झेलनी पड़ेगी न्याय के मार्ग पर चलने वालोंं की हे प्रभु अब
तो प्रकट हो जाओ आप ,अब तो न्याय करो पापिओ को पराजय करो
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वाशुदेवा
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