रविवार, 18 जुलाई 2021

संस्कार क्या है और यह क्यों जरुरी है ?

संस्कार क्या है??

संस्कार वह विधि जिससे आने वाले समय के परिवेश को न देखकर अपने पूर्वजों, गुरुओं, माता, पिता, एवम समस्त पूज्यनीय का सम्मान किया जाए एवम सरल व आदर के लिए पहचाना जाए उसको संस्कार कहा गया है । 

वास्तव में वह मानव जो अपने ग्रंथो , अपनी भाषा , अपनी संस्कृति ,अपने रीति रिवाज को न भूलें उसे ही संस्कारी कहा गया है ।


संस्कार जीवन में क्यों जरूर है?

जहां तक संभव हो सके तो आपको अपने रीति रिवाज को कभी नहीं भूलना चाहिए क्योंकि इससे आपके आने वाली पीढ़ी को संस्कारवान  बनाने की जिम्मेदारी आपको सौंपी गई है ।

अतः आपको अपने पूर्वजों द्वारा संचालित किया गया संस्कार ही आपको अपने आने वाली पीढ़ी को सौंपना है ।

अगर आप संस्कारवान होगे तभी आपकी समाज में कोई कदर(इज्जत) करेगा  नही तो आपकी भी कोई इज्जत नहीं करेगा ।

कहा गया है : सम्मान दोगे तो  सम्मान पाओगे 
                   जो जैसा करेगा वैसा पायेगा

संस्कार के मायने 

संस्कार जीवन को लेकर बहुत कुछ बता जाता है वो कहता है कि आज तू जैसा अपने पूर्वजों के साथ करेगा वैसा तेरे साथ भी कल होने वाला है ।
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि हे मानव तू जैसा आज कर रहा है वैसा कल तू भी भोगेगा ।
इसलिए तू सब का सम्मान कर तो आने वाले समय में तुझे भी सम्मान मिलेगा ।

#आज_पुरातन

#श्री_कृष्णा

#वीरेंद्र_द्विवेदी

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा ।        श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा ।।

हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे ।                           हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।




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संस्कृति श्लोक

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