रविवार, 11 जुलाई 2021

भला और बुरा

 भलाई क्या है??

भलाई शब्द को सुनकर सब यही कहेंगे कि अरे यह तो सरल है इसको तो हर कोई जानता है किंतु वाश्तव में ये कोई नहीं जनता की भलाई क्या है?

भलाई वह शब्द है जो खुद के वाणी से न निकलकर किसी दूसरे ही मानव के मुख से निकले और उसमें परोपकार की भावना बिना किसी लोभ के की जाए और जिससे दूसरों के भला हो तथा आने वाले समय में वो एक सबके लिए मार्ग बने उसे ही वाश्तव में भलाई कहा जाता है 


भलाई बिना किसी निजी स्वार्थ के किया जाता है ।

अब बात आती है हमें भलाई किन स्थितियों में करना चाहिए ?

कहते हैं कि भलाई भी स्थिती देखने के बाद ही करो ।कहीं यैसा नहीं कि आप खुद किसी सुनसान जगह फन्से है (जंगल ) आदि में और कोई चोर आपसे सहायता के बहाने आपको लूटना चाहता हो


उस स्थिती में आपको भलाई नहीं देखनी चाहिए ।

बुराई क्या है??

बुरा यह शब्द सुनकर लोग कहेंगे कि यह क्या बोल दिया ।

किंतु आपको नहीं पता बुरा होना भी एक तरह से अच्छा होता है ।आपको अगर जिन्दगी में आगे बढ़ना है तो मुंह में बुरा कहने वाला भी रखना पड़ेगा क्योंकि उसीसे  तुम्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। कबीर जी  ने कहा है:-

 निंदक राखिये आँगन कुटी छवाय, 

बिन पानी साबुन बिना निर्मल कारै सुभाय ।

बुराई वो शब्द नहीं कि किसी दूसरे से बुराई करना ।

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि मानव को कितना भला और कितना बुरा होना चाहिए 

#विरेन्द्र_द्विवेदी

#आज_पुरातन

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वाशुदेवा

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वाशुदेवा

हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।

हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।





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